(This Hindi love story is inspired by true events.)
लक्ष्मी, जिसका जन्म माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद लेकर पाटिल परिवार में हुआ वह अपने साथ ढेर सारा ऐश्वर्य लेकर आई। वह घर में सबकी बहुत ही लाड़ली थी। उसकी दादी ने प्यार से उसका नाम लक्ष्मी रखा क्योंकि उसके आगमन के बाद ही घर में लक्ष्मी का आगमन होने लगा। लक्ष्मी के जन्म से पहले घर के हालात कुछ अच्छे नहीं थे। पाटिल परिवार में मेहनती प्रकाश, उसकी पत्नी मीरा, माता और पिता थे। प्रकाश की तीन शादीशुदा बहनें भी थीं और चूँकि वे एक ही शहर में थीं, इसलिए उनका हमेशा लक्ष्मी के घर आना-जाना लगा रहता था। मेकॅनिकल इंजिनिअर प्रकाश को लगातार कुछ नया खोजने का जुनून था और यही जुनून उसे आगे ले गया। प्रकाश जल्द ही सुर्खियों में आ गया क्योंकि प्रकाश द्वारा आविष्कृत एक मशीन बहुत लोकप्रिय हुई और वह किसानों के लिए बहुत उपयोगी थी। लगभग उसी समय लक्ष्मी का जन्म भी हुआ, इसलिए ऐसा मानने लगे कि माँ लक्ष्मी का आगमन उनके घर में हुआ है।
लक्ष्मी घर में बहुत ही लाड़ली थी और उसी लाड़-प्यार से बहुत जिद्दी भी हो गई थी। लक्ष्मी जो चाहती थी, वह उसे तुरंत मिल जाता था। लक्ष्मी के जन्म के करीब तीन साल बाद रितेश का जन्म हुआ। लेकिन घर में सबसे छोटा होने के बावजूद भी वह शांत और समझदार था। प्रकाश और मीरा के दोनों बच्चे बहुत होशियार थे। लक्ष्मी दिखने में भी सुंदर थी।
जल्द ही पाटिल परिवार, एक छोटे से घर से एक बड़े डुप्लेक्स घर में रहने चला गया। जैसे-जैसे उनके पास पैसा आता गया, उनका रहन-सहन बदल गया, लेकिन लक्ष्मी की जिद के अलावा उनके व्यवहार में किसीको कोई घमंड नहीं था। लक्ष्मी का रहन सहन बहुत ही मॉडर्न था, और उसे फैशन डिज़ाइन का भी बड़ा शौक था। इसलिए उसने फॅशन डिज़ाइन में ग्रेजुएट की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा पूरी करने के बाद, उसके पिता ने उसके लिए एक बुटीक बनवाया और उसे गिफ्ट कर दिया।
इसी बीच, उसे एक साधारण परिवार के निशांत से प्यार हो गया, जो एक डान्स क्लास चलाता था। निशांत एकलौता था और वह उसके माता-पिता के साथ रहता था। उनका परिवार ज्यादा आमिर नहीं था। निशांत की मां और पिता दोनों सरकारी नौकरी में थे। जब घर में निशांत और लक्ष्मी के प्यार के बारे में पता चला तब सभी ने काफी विरोध किया। उसका कारण एक ही था और वह यह कि दोनों के घर के हालात बहुत अलग थे। पाटिल परिवार में घर का खाना बनाने से लेकर सारा काम करने के लिए अलग से स्टाफ था। इसलिए लक्ष्मी को घर का किसी भी प्रकार का काम नहीं आता था।
घर में लाड़ली होने के कारण वह कोई भी काम नहीं करती थी। जब कभी वह अपने लिए कॉफ़ी बनाती थी तब भी उसकी तारीफ की जाती थी, इतनी वह लाड़ली थी। लक्ष्मी जो भी चीज चाहती थी उसे तुरंत मिल जाती थी। लेकिन शादी के बाद उसका क्या होगा, यह सोचकर सभी इस रिश्ते के खिलाफ थे। पहले से ही स्वभाव से जिद्दी लक्ष्मी और भी जिद्दी हो गई और उसने ऐलान कर दिया कि वह निशांत के आलावा किसी से भी शादी नहीं करेगी। छह महीने रुकने के बाद भी, लक्ष्मी अपनी जिद पर अड़ी रही और उसी के कारण आखिरकार पाटिल परिवार लक्ष्मी और निशांत की शादी के लिए तैयार हो गया। निशांत के घर पर भी, इन सब बातों का दबाव था। दरअसल निशांत के माता-पिता बहुत ही सरल स्वभाव के थे, इसलिए उन्होंने निशांत को अपने इच्छा के ख़िलाफ़ ही इस विवाह के लिए अनुमति दे दी। भले ही उन्हें लगा कि इतने अमीर परिवार की लड़की उनके छोटेसे घर में कैसे एडजस्ट कर लेगी।
पाटिलने निशांत की बिल्डिंग में दूसरे मंज़िल पर बेचे जाने वाले एक फ्लैट को अच्छी कीमत पर खरीद लिया ताकि उनकी प्यारी लड़की को शादी के बाद भी कोई परेशानी ना हो। लक्ष्मी के इच्छा के मुताबिक उन्होंने नया फ्लैट और पूरा घर जहां निशांत रहता था, दोनोका अच्छे से इंटीरियर करावा दिया। उन्होंने इस बात का भी ख्याल रखा कि इन सब में निशांत के परिवार के आत्मसम्मान को कहीं ठेस न पहुंचे। लक्ष्मी और निशांत की शादी तो बड़ी धूमधाम से हुई। शादी में, लक्ष्मी जो पहले से ही बहुत सुंदर थी, वह सोने से मढ़ने के बाद माँ लक्ष्मी की तरह लग रही थी।
सब सोचते थे कि लक्ष्मी जो इतनी मॉडर्न है, वह शादी के बाद ज्यादा दिन अपने ससुराल में नहीं रह पाएगी, क्योंकि वह थोड़ी चंचल भी थी। सबको लगता था की शादी हो जाने के बाद भी वह हमेशा अपने मायके में ही पड़ी रहेगी। लेकिन शादी के करीब एक साल बाद भी उसे किसी ने भी उसके मायके में ज्यादा नहीं देखा। शायद वह अपने ससुराल में अच्छे से रह रही थी। करीब एक साल में लक्ष्मी अपनी ससुराल में इतनी अच्छी तरह से घुलमिल गई थी कि उसने अपने मायके के घर आना लगभग बंद ही कर दिया था। चूंकि उसकी सास बहुत ही सीधी-सादी थीं, इसलिए उन्होंने कभी भी उसकी किसी भी बात में बाधा नहीं डाली। वहीं सबके खिलाफ जाकर शादी करने और निशांत से बहुत प्यार करने के कारण लक्ष्मी काफी समझदार हो गई थी।
साथ में ही, लक्ष्मी को अपने बुटीक की ज्यादा चिंता नहीं थी क्यों की वह सँभालने के लिए उसके पास अच्छा स्टाफ मौजूद था और उसी वजह से उसने यह पूरा साल घर पर ही बिताया। अब घर ही उसकी पहली प्राथमिकता थी। उसकी सास के ऑफिस से घर आने से पहले, वह खाना बनाती थी, उनके लिए गर्म चाय बनाती थी, पूरे घर को साफ सुथरा रखती थी और यह सब काम वह अपने दिलसे करती थी। इससे यही पता चलता है की प्यार में कितनी ताकत होती है। एक मॉडर्न लड़की, एक आम बहू की तरह व्यवहार करने लगी तब यह यकीन करना मुश्किल हो गया। लक्ष्मी का प्यार भरा व्यवहार, घर को इतना अच्छा रखना, सबका ख्याल रखना और रिश्तेदारों के साथ अच्छे से व्यवहार करना, यह सब करके उसने अपने सास का दिल जित लिया। और इसी कारन से उसकी सास ने खुद ही नौकरी छोड़कर लक्ष्मी को कहा की, इस पुरे साल मैं मुझे पता चला की तुम घर अच्छेसे संभल सकती हो, अब मैं घर संभालूंगी और तुम अपने करियर पर ध्यान दो।
वह लक्ष्मी की माँ से कहती हैं कि मैंने कभी घर पर कभी पूरनपोली नहीं बनाई और लक्ष्मी अकेले ही बीस लोगों के लिए पूरा खाना बना सकती हैं। अब वह लक्ष्मी की बहुत सराहना करते है। शादी से पहले, उनकी लक्ष्मी के बारे में जो राय थी वह पूरी तरह से बदल गई हैं। वह निशांत के दिल की रानी तो थी ही लेकिन अब वह पूरे घर की लाडली बन गई हैं। लक्ष्मी ने अब अपने फैशन से जुड़ा एडवांस्ड ब्यूटी कोर्स किया और अब वह शादी का पूरा पैकेज लेती हैं। लक्ष्मी को देखकर यह पता चलता है की प्यार इंसान को कितना बदल देता है। उसकी सास अब मीरा को फोन करती है और कहती है कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें लक्ष्मी जैसी बहू मिली और निशांत का तो कुछ मत कहना …
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